National space day :- प्रधानमंत्री मोदी ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग की याद में मनाए जाने वाले पहले राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। यह दिन भारत की ऐतिहासिक उपलब्धि का प्रतिक है क्योंकि इस दिन हमारा देश दुनिया का चौथा और दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र के पास लैंडिंग करने वाला पहला देश बना था। चंद्रयान 3 ने चंद्रमा पर सफल लैंडिंग की थी। आपको बता दें कि भारत में चंद्रमा पर अपना तिरंगा फहराया। इससे विश्व भर में भारत का परचम दिखा।
अंतरिक्ष दिवस का उद्देश्य :-
अंतरिक्ष दिवस का उद्देश्य नई खोजों को बढ़ावा देना, अंतरिक्ष के प्रति रुचि को प्रोत्साहित करना और युवाओं को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, और गणित (STEM) जैसे विषयों की ओर आकर्षित करना है। इस दिन विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों और संगठनों द्वारा अंतरिक्ष से संबंधित कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जहां बच्चों को अंतरिक्ष विज्ञान के बारे में जानकारी दी जाती है और उन्हें इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया जाता है।
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इस दिन पर, हम चंद्रमा की पहली यात्रा, मंगल ग्रह पर होने वाले मिशन और अन्य कई अद्भुत अंतरिक्ष अभियानों को भी याद करते हैं। इन अभियानों ने न केवल मानव जाति को नई जानकारी दी है, बल्कि यह दिखाया है कि इंसान की सोच और मेहनत से कोई भी असंभव कार्य संभव हो सकता है।
चंद्रयान-3 के डेटा ने दिया संकेत :-
इसरो के चंद्रयान-3 के डेटा ने संकेत दिया है कि चंद्रमा पर कभी ‘मैग्मा महासागर’ था, जैसा कि नेचर में प्रकाशित एक अध्ययन में बताया गया है। मैग्मा महासागर एक बड़ी परत होती है जिसमें पिघला हुआ चट्टान होता है और यह आमतौर पर ग्रहों के निर्माण के शुरुआती चरणों में पाया जाता है। यह विश्लेषण प्रज्ञान रोवर द्वारा चंद्रमा की सतह पर 100 मीटर की दूरी की खोज के दौरान एकत्रित किए गए चंद्र मिट्टी के डेटा से आया है।

Author: Suryodaya Samachar
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