Mirzapur News :- मीरजापुर के विकासखंड सीखड़ में परिषदीय विद्यालयों में मिड-डे मील की स्थिति बेहद चिंताजनक बनी हुई है। हाल ही में एक घटना सामने आई, जिसमें सौ से अधिक बच्चों को केवल तीन लीटर दूध उपलब्ध कराया गया। यह मामला कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय का है, जहां 101 छात्र पंजीकृत हैं।
दूध वितरण के मानकों की अनदेखी
बेसिक शिक्षा विभाग के नियमों के अनुसार, प्रत्येक बुधवार को प्राथमिक विद्यालय के छात्रों को 150 मिलीलीटर और उच्च प्राथमिक विद्यालय के छात्रों को 200 मिलीलीटर दूध दिया जाना चाहिए। इस मानक के आधार पर, कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय में कम से कम 20 लीटर दूध की आवश्यकता थी। लेकिन हकीकत में सिर्फ 3 लीटर दूध मंगाया गया, जो नियमों की घोर अनदेखी को दर्शाता है।
पिछले मामलों से भी सीख नहीं
यह पहली बार नहीं है जब मिड-डे मील में लापरवाही की बात सामने आई हो। कुछ दिनों पहले इसी क्षेत्र के एक स्कूल में गोभी मिलाकर सौ बच्चों को तहरी खिलाई गई थी। यह घटना भी स्कूलों में मिड-डे मील की गुणवत्ता और प्रबंधन पर सवाल खड़े करती है।
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अधिकारियों की जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने की प्रवृत्ति
जब इस मामले में खंड शिक्षा अधिकारी बृजेश कुमार राय से सवाल किया गया, तो उन्होंने मीटिंग में व्यस्त होने की बात कहकर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। वहीं, बेसिक शिक्षा अधिकारी से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनका फोन नहीं उठा।
सुधार की आवश्यकता
यह घटना इस बात का संकेत है कि परिषदीय विद्यालयों में मिड-डे मील की गुणवत्ता पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। न केवल पोषण संबंधी मानकों का पालन किया जाना चाहिए, बल्कि इसकी नियमित निगरानी भी होनी चाहिए। अधिकारियों की जवाबदेही तय करना और लापरवाही करने वालों पर कार्रवाई करना बेहद जरूरी है, ताकि बच्चों को उनकी जरूरत के अनुसार पोषण मिल सके और ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
Author: Suryodaya Samachar
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