Mirzapur news :- [रिपोर्टर तारा त्रिपाठी] मीरजापुर के राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय चुनार में नैक (राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद) मूल्यांकन को लेकर तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। महाविद्यालय में 24 और 25 अक्टूबर को नैक मूल्यांकन के लिए तीन सदस्यीय पीयर टीम का आगमन हो रहा है। यह मूल्यांकन महाविद्यालय की शैक्षणिक, शोध और अन्य सुविधाओं का आकलन करने के उद्देश्य से किया जा रहा है। नैक मूल्यांकन महाविद्यालय की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और संसाधनों का मानक मापदंड तय करता है, जिसके आधार पर महाविद्यालय को रैंकिंग दी जाती है।
नैक मूल्यांकन की प्रक्रिया
नैक (NAAC) का उद्देश्य उच्च शिक्षण संस्थानों की शैक्षणिक और प्रशासनिक गतिविधियों का मूल्यांकन करना है, जिससे संस्थान के स्तर और गुणवत्ता को बेहतर किया जा सके। इस प्रक्रिया के तहत, संस्थान का कई मापदंडों पर मूल्यांकन किया जाता है, जिनमें शिक्षण, अनुसंधान, आधारभूत ढांचा, छात्र सेवाएं, प्रशासनिक कार्यशैली, नवाचार, और सामुदायिक योगदान शामिल होते हैं।
चुनार के राजकीय महाविद्यालय का यह दूसरा नैक मूल्यांकन है। इससे पहले 2014 में संस्थान का नैक मूल्यांकन किया गया था। इस बार भी संस्थान ने अपने स्तर को और ऊंचा उठाने के लिए हर संभव प्रयास किए हैं।
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तीन सदस्यीय पीयर टीम
प्राचार्य डॉ. रामनिहोर शर्मा ने बताया कि इस मूल्यांकन के लिए गुजरात विश्वविद्यालय, गुजरात के निदेशक डॉ. जगदीश कुमार जोशी को चेयरपर्सन के रूप में चुना गया है। मिजोरम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. एलेग्बाम निक्सन सिंह टीम के कोऑर्डिनेटर होंगे, जबकि लोयोला कॉलेज ऑफ सोशल साइंस की डायरेक्टर इंचार्ज डॉ. जैनेट आगस्टीन सदस्य के रूप में टीम का हिस्सा होंगी।
प्री विजिट और स्वागत
नैक पीयर टीम का आगमन वाराणसी एयरपोर्ट पर हुआ, जहां महाविद्यालय के आईक्यूएसी (आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ) प्रभारी प्रो. माधवी शुक्ला ने उनका स्वागत किया। प्री विजिट मीटिंग में महाविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों और फैकल्टी सदस्यों ने भाग लिया। इस दौरान महाविद्यालय की तैयारियों, उपलब्धियों और मूल्यांकन के मापदंडों पर चर्चा की गई। यह प्री विजिट मीटिंग महाविद्यालय की दिशा और उसकी तैयारियों को रेखांकित करने के लिए महत्वपूर्ण रही।
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मूल्यांकन के दौरान गतिविधियां
दो दिनों के मूल्यांकन के दौरान पीयर टीम महाविद्यालय के विभिन्न विभागों, शोध उपकरणों, पुस्तकालय, प्रयोगशालाओं, क्लास रूम, और स्टाफ रूम का निरीक्षण करेगी। इसके साथ ही विभागाध्यक्षों और शिक्षकों से चर्चा की जाएगी, जिसमें उनके विभाग की शैक्षणिक गतिविधियों, शोध कार्य, और छात्रों के विकास से जुड़ी बातों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
मूल्यांकन के दौरान टीम यह भी देखेगी कि महाविद्यालय में छात्रों के लिए किस प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध हैं, जैसे कि पुस्तकालय की पुस्तकें, डिजिटल संसाधन, लैब्स के उपकरण, और प्रयोगात्मक सुविधाएं।
चुनौतियों और उपलब्धियों पर फोकस
महाविद्यालय के लिए यह मूल्यांकन एक चुनौतीपूर्ण अवसर है, क्योंकि नैक मूल्यांकन से महाविद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता और उसकी प्रतिष्ठा का आकलन होगा। इसके लिए महाविद्यालय ने पिछले कुछ वर्षों में कई सुधार और नवाचार किए हैं। शिक्षण पद्धतियों में सुधार, डिजिटल संसाधनों का उपयोग, शोध कार्य में वृद्धि और छात्रों की प्रगति पर विशेष ध्यान दिया गया है।
महाविद्यालय के पुस्तकालय और प्रयोगशालाओं को उन्नत किया गया है ताकि छात्र अपने अध्ययन और शोध में नई ऊंचाइयों को छू सकें। साथ ही, महाविद्यालय ने छात्रों के समग्र विकास के लिए विभिन्न संगोष्ठियों, कार्यशालाओं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया है, जो छात्रों को सृजनात्मक और समर्पित बनाने में मदद करता है।
महाविद्यालय की तैयारी
प्राचार्य डॉ. रामनिहोर शर्मा ने बताया कि नैक मूल्यांकन के लिए महाविद्यालय पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय ने शैक्षणिक और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। महाविद्यालय के शैक्षणिक और प्रशासनिक कर्मचारियों ने इस मूल्यांकन के लिए गहन तैयारी की है, और हर विभाग ने अपनी रिपोर्ट्स और अन्य आवश्यक दस्तावेज तैयार कर लिए हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि महाविद्यालय के नैक मूल्यांकन का मुख्य उद्देश्य संस्थान की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और संसाधनों को मापना है, ताकि महाविद्यालय की गुणवत्ता को और भी बेहतर किया जा सके।
चुनार महाविद्यालय का दूसरा नैक मूल्यांकन
चुनार महाविद्यालय का यह दूसरा नैक मूल्यांकन है। 2014 में, तत्कालीन प्राचार्य डॉ. विजय सिंह राघव के कार्यकाल में नैक मूल्यांकन हुआ था। उस समय महाविद्यालय को नैक द्वारा अच्छा ग्रेड प्राप्त हुआ था, और अब महाविद्यालय का उद्देश्य अपने पिछले प्रदर्शन को और भी बेहतर करना है।
राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय चुनार के लिए नैक मूल्यांकन एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो संस्थान के शैक्षणिक, शोध और आधारभूत ढांचे को और भी मजबूत करेगा। नैक टीम के मूल्यांकन के परिणाम महाविद्यालय के भविष्य की दिशा तय करेंगे। इस मूल्यांकन के माध्यम से महाविद्यालय को अपने स्तर को और ऊंचा उठाने का अवसर मिलेगा, जिससे छात्र और समाज दोनों को लाभ होगा।महाविद्यालय प्रशासन, शिक्षक और छात्र नैक मूल्यांकन को लेकर उत्साहित हैं और उन्हें विश्वास है कि यह मूल्यांकन संस्थान की प्रगति और विकास में सहायक साबित होगा।
Author: Suryodaya Samachar
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