Mirzapur news :- जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन के अभिनव प्रयास के तहत विकास पटेहरा के सभागार में विभिन्न समूहों की महिलाओं को कालीन और दरी बुनाई का प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य महिलाओं को कौशल विकास के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाना और उनके आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। इस पहल से महिलाओं को नई तकनीकें सीखने का अवसर मिला, जिससे वे अपने उत्पादों को बाजार में बेहतर तरीके से पेश कर सकेंगी।
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दरी व कालीन के कारीगरों की कमी की भरपाई के लिए जिलाधिकारी द्वारा एक अभिनव प्रयोग करने का सुझाव दिया गया। उक्त निर्देश के क्रम में विभिन्न समूहों से और आदिवासी महिलाओं को कालीन प्रशिक्षण डिकर कालीन के पूर्ण करो की संख्या बढ़ाने का एक कार्य योजना बनाने हेतु मुख्य विकास में अधिकारी की अध्यक्षता में एक मिर्जापुर दरी कालीन विकास समिति का गठन किया गया।
गठित समिति को दिया गया मार्गदर्शन
मुख्य विकास अधिकारी विशाल कुमार द्वारा इस कार्यक्रम में विशेष रुचि लेकर गठित समिति को मार्गदर्शन दिया गया। दिन प्रतिदिन कार्य योजना की समीक्षा कर आवश्यक निर्देश दिए गए किस प्रकार माड्यूल बनाया जाए किस प्रकार प्रशिक्षित कराया जाए क्या शेड्यूल हो कौन मास्टर ट्रेनर्स होंगे। रा मटेरियल और लोन की व्यवस्थाएं कराई गई इसमें आईसीटी का भी सहयोग लिया जा रहा है। इससे उनके द्वारा जो प्रशिक्षण का माॅडल बनाया गया है उसी के अनुसार यह प्रशिक्षण प्रारंभ कराया जाएगा। पटेहरा कला विकासखंड के अंतर्गत बहुउद्देशीय हाल में आज विभिन्न समूह की महिलाओं के लिए ओरिएंटेशन कार्यक्रम एवं दरी और कालीन बनाने के प्रशिक्षण का शुभारंभ किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं को कौशल विकास के अवसर प्रदान करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। महिलाएं लूम पर कार्य करते हुए नई तकनीकों को सीखेंगी, जिससे वे अपने आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक कदम और बढ़ सकेंगी।
खंड विकास अधिकारी समेत अन्य अधिकारी रहे उपस्थित
कार्यक्रम में संयुक्त उद्योग वीरेंद्र कुमार खंड विकास अधिकारी विजय शंकर त्रिपाठी व अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत अमरेश यादव मास्टर ट्रेनर द्वारा अन्य ट्रेनरों के माध्यम से लूम पर महिलाओं को दरी बुनाई का प्रशिक्षण देकर उसकी बारीकियां बताई गई। यह भी बताया गया कि आने वाले समय में यह प्रशिक्षण व्यवस्थित रूप से प्रारंभ होगा तथा महिलाओं को प्रशिक्षित बनाकर बुनकरों की जो कमी कालीन निर्माता द्वारा महसूस की जा रही है। उनके संख्या बल में वृद्धि होगी और महिलाओं की आजीविका आय में वृद्धि के माध्यम से अपने पारिवारिक स्तर को भी उठाने में सहयोग मिलेगा तथा वह भी पुरुषों के साथ करने से कंधा मिलाकर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेंगी।
Author: Suryodaya Samachar
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