Mirzapur News:– जमालपुर विकास खण्ड के कुल 24 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों की खण्डहर जैसी हालत के कारण गांव के अभिभावक अपने बच्चों को इन विद्यालयों में भेजने से डरने लगे हैं। बरसात के मौसम में स्थिति और भी गंभीर हो जाती है, जिससे बच्चों और अध्यापकों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ जाती है। कई विद्यालयों की इमारतें इतनी जर्जर हो चुकी हैं कि किसी भी समय गिरने का खतरा है, जिससे वहां पढ़ाई करना जोखिम भरा हो गया है।
खंडहर में तब्दील हो चुके विद्यालयों में बच्चों को भेजने को लेकर अभिभावक काफी भयभीत हैं। कई विद्यालयों की इमारतें बेहद जर्जर हो चुकी हैं, जिनमें कभी भी कोई हादसा हो सकता है। इन विद्यालयों की छतें टपकती हैं, दीवारें कमजोर हैं और कहीं-कहीं पर फर्श भी टूटे हुए हैं। ऐसे में बच्चों की सुरक्षा को लेकर अभिभावकों की चिंता स्वाभाविक है।
अभिभावक मजबूरन अपने बच्चों को भेजने में हैं विवश…
अभिभावकों का कहना है कि बच्चों को ऐसे स्कूलों में भेजना एक बड़ा खतरा है, जहां इमारतें गिरने के कगार पर हों। हालांकि प्रशासन ने कई बार मरम्मत और नए भवन निर्माण की बात कही है, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। परिणामस्वरूप, अभिभावक मजबूरन अपने बच्चों को ऐसी असुरक्षित इमारतों में भेजने को विवश हैं।
बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा, दोनों के बीच असमंजस में फंसे अभिभावक उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही सरकार और प्रशासन इस गंभीर समस्या पर ध्यान देंगे और बच्चों को सुरक्षित और बेहतर शिक्षा का माहौल उपलब्ध कराएंगे।
शिक्षाधिकारी देव पांडे ने कहा …
गांवों के अभिभावक मांग कर रहे हैं कि जल्द से जल्द इन विद्यालयों का पुनर्निर्माण कराया जाए ताकि बच्चों की पढ़ाई पर असर न पड़े और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। साथ ही, वे खेलकूद के लिए मैदान की भी मांग कर रहे हैं। खण्ड शिक्षाधिकारी देव पाण्डेय ने जानकारी दी कि 24 विद्यालयों की जर्जर हालत का इस्टीमेट तैयार कर लिया गया है और निलामी प्रक्रिया जारी है। संबंधित उच्चाधिकारियों को भी इसकी सूचना दे दी गई है।
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Author: Suryodaya Samachar
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