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Manipur violence :- मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, रॉकेट हमले के बाद मारे गए पांच लोग

Manipur violence :- मणिपुर में जातीय हिंसा के चलते हालात गंभीर बने हुए हैं, और स्थिति एक बार फिर से बिगड़ गई है। हाल ही में हुए रॉकेट हमले के बाद दो गुटों के बीच हिंसक टकराव हुआ है। इस घटना के बाद राज्य में सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा कर दिया गया है। प्रशासन की ओर से स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की जा रही है। इस तरह की हिंसा ने राज्य में तनाव और अस्थिरता की स्थिति को और भी बढ़ा दिया है। 

(Manipur violence) नहीं थम रही दोनों गुटों के बीच हिंसा….

मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदायों के बीच हिंसक झड़पों का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाल के कुछ हफ्तों में स्थिति में थोड़ा सुधार देखा गया था, लेकिन अब फिर से हिंसा भड़क गई है। रॉकेट हमले से उत्पन्न दहशत अभी शांत नहीं हुई थी कि शनिवार को जिरीबाम जिले में दो समुदायों के बीच फिर से हिंसक झड़पें हो गईं, जिसमें 5 लोगों की मौत हो गई है।

Manipur violence

दूसरी ओर, सुरक्षाबलों ने चुरचांदपुर जिले में विशेष अभियान चलाकर उग्रवादियों के 3 बंकरों को नष्ट कर दिया है। इस तरह की हिंसक घटनाओं ने प्रदेश की स्थिति को और भी जटिल बना दिया है, और प्रशासन लगातार शांति बहाली के प्रयासों में जुटा हुआ है।

(Manipur violence) पुलिस ने साझा की ताजा जानकारी…….

मणिपुर में जारी जातीय हिंसा के बीच पुलिस ने ताजा जानकारी साझा की है। एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, एक व्यक्ति की उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई जब वह अपने घर में सो रहा था। उग्रवादी जिला मुख्यालय से लगभग 5 किलोमीटर दूर एक सुनसान इलाके में स्थित उसके घर में घुसे और उसे गोली मार दी। इसके बाद, करीब 7 किलोमीटर दूर, दो विरोधी समुदायों के हथियारबंद गुटों के बीच भारी गोलीबारी हुई, जिसमें 3 उग्रवादियों सहित कुल 4 लोगों की मौत हो गई।

इस तरह की घटनाएं राज्य में बढ़ते तनाव और हिंसा की भयावहता को और गहरा कर रही हैं, जिससे शांति बहाल करने के प्रयासों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

(Manipur violence) जलाया रिटायर्ड अधिकारी का घर ……..

मणिपुर में हिंसा का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही में जिले के जकुराधोर में संदिग्ध ग्रामीण स्वयंसेवकों ने एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी के तीन कमरों वाले खाली मकान को जला दिया। यह घटना बोरोबेक्रा पुलिस थाने के पास हुई। इस घटना के बाद ट्राइबल बॉडी इंडीजिनस ट्राइब्स एडवोकेसी कमेटी (फेरजॉल और जिरीबाम) ने किसी भी प्रकार की संलिप्तता से इनकार किया है।

गौरतलब है कि मैतेई और हमार समुदायों के प्रतिनिधियों ने 1 अगस्त को असम के कछार में सीआरपीएफ के एक कार्यालय में समझौता किया था, जिसके तहत सामान्य स्थिति बहाल करने और आगजनी व गोलीबारी की घटनाओं को रोकने की कोशिश की गई थी। इसके बावजूद इलाके में हिंसा की घटनाएं जारी हैं, जो शांति बहाली के प्रयासों को मुश्किल बना रही हैं और प्रदेश की स्थिति को और अधिक संवेदनशील बना रही हैं।

(Manipur violence) मारे जा चुके 200 से ज्यादा लोग 

मणिपुर में पिछले साल मई से शुरू हुई हिंसा ने गंभीर रूप ले लिया है, जिसमें 200 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। यह हिंसा मुख्य रूप से मैतेई और कुकी-जो समुदायों के बीच जातीय तनाव के कारण शुरू हुई थी। मैतेई समुदाय घाटी में रहता है, जबकि कुकी-जो समुदाय पहाड़ी क्षेत्रों में बसा हुआ है।

(Manipur violence): जिरीबाम जिला भी हिंसा की चपेट में….

जिरीबाम जिला, जो अब तक इस हिंसा से अछूता था, इस साल जून में एक बुजुर्ग की हत्या के बाद हिंसा की चपेट में आ गया। जुलाई में उग्रवादियों ने सीआरपीएफ के जवानों के काफिले पर हमला कर दिया, जिसमें एक जवान शहीद हो गया था। इस हिंसा के चलते हजारों लोगों को अपने घर छोड़कर राहत शिविरों में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है। राज्य में अभी भी शांति बहाल करने के प्रयास जारी हैं, लेकिन स्थिति संवेदनशील बनी हुई है।

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Suryodaya Samachar
Author: Suryodaya Samachar

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