Lucknow news:- उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने राज्य के सभी पुलिस अधिकारियों को त्वरित और पारदर्शी कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। खासकर 3 से 7 साल की सजा वाले अपराधों से संबंधित शिकायतों पर प्राथमिकता से ध्यान देने की बात कही गई है।
DGP द्वारा दिए गए निर्देश:-
1. तहरीर की जांच 14 दिनों में पूरी करने का आदेश: डीजीपी ने कहा कि थाना प्रभारी को तहरीर प्राप्त होने के बाद 14 दिन के भीतर जांच पूरी करनी होगी।
2. जांच न पूरी होने पर तुरंत दर्ज की जाएगी एफआईआर: यदि निर्धारित समय सीमा में जांच पूरी नहीं होती है तो एफआईआर दर्ज करना अनिवार्य होगा।
3. गंभीर अपराध न मिलने पर देना होगा स्पष्टीकरण: अगर जांच में किसी गंभीर अपराध का साक्ष्य नहीं मिलता है तो इस बारे में थाना प्रभारी को पीड़ित और क्षेत्राधिकारी (सीओ) को सूचित करना होगा।
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4. लापरवाही पर होगी कार्रवाई: जांच में लापरवाही बरतने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
5. रिपोर्ट को सीओ या एसीपी को सौंपना अनिवार्य: जांच की रिपोर्ट को सीओ (क्षेत्राधिकारी) या एसीपी (असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस) को सौंपना अनिवार्य है ताकि वे मामले का निरीक्षण कर सकें।
6. जनरल डायरी में दर्ज होगी शिकायत: थाना प्रभारी को निर्देश दिए गए हैं कि हर शिकायत को जनरल डायरी में दर्ज करें, जिससे मामले की ट्रैकिंग की जा सके।
7. एफआईआर की कॉपी पीड़ित को अनिवार्य रूप से देनी होगी: यदि मामला एफआईआर तक पहुँचता है तो इसकी एक कॉपी पीड़ित व्यक्ति को देना अनिवार्य होगा।
8. बैठक में जांच की प्रगति पर कप्तान लेंगे जानकारी: पुलिस कप्तान (एसपी) समय-समय पर प्रारंभिक जांच के बारे में बैठक में जानकारी लेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि मामलों की प्रगति संतोषजनक हो।
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इन निर्देशों का उद्देश्य पुलिस व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाना है। डीजीपी ने सभी अधिकारियों से सख्ती से इन निर्देशों का पालन करने की अपील की है ताकि पीड़ितों को न्याय मिलने में कोई देरी न हो और कानून व्यवस्था मजबूत हो सके।
Author: Suryodaya Samachar
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