Health tips :- खर्राटे लेना एक आम समस्या है जिसे अधिकतर लोग हल्के रूप में लेते हैं लेकिन यह समस्या गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकती है। बहुत से लोग खर्राटों से परेशान रहते हैं और कभी-कभी यह दूसरों के लिए भी असुविधाजनक हो सकता है। हालांकि यह समस्या कभी-कभी हो सकती है लेकिन यह निरंतर हो तो यह अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत बन सकती है।
खर्राटे क्यों आते हैं?
खर्राटे तब आते हैं जब गर्दन की मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है जिससे सांस लेने में रुकावट होती है। इसके अलावा नाक की बंदी या बुजुर्गों में मांसपेशियों की ढीलापन भी खर्राटों का कारण बन सकता है।
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किन बीमारियों का खतरा?
1.हार्ट डिजीज – डॉक्टर रमाकांत पांडा के अनुसार जिन लोगों का वजन अधिक होता है वे कम एक्टिव होते हैं और खराब खानपान का पालन करते हैं उन्हें खर्राटे अधिक आते हैं जिससे हार्ट डिजीज का जोखिम बढ़ सकता है।
2.डायबिटीज – खर्राटों के कारण शरीर में शारीरिक गतिविधियां प्रभावित होती हैं जिससे शरीर शुगर को सही तरीके से प्रोसेस नहीं कर पाता है और डायबिटीज का खतरा बढ़ता है।
3.हाई ब्लड प्रेशर – जब खर्राटे तेज होते हैं तो यह ब्लड प्रेशर की समस्या भी उत्पन्न कर सकता है क्योंकि इससे खून में ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाता है।
इसके अलावा यह समस्या डिप्रेशन मेमोरी लॉस और सुबह के समय सिर दर्द का कारण भी बन सकती है।
खर्राटे कम करने के उपाय
• सोने का पोश्चर बदलें खासकर पीठ के बल कम सोने की कोशिश करें।
• कमरे में ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करें ताकि हवा में नमी बनी रहे।
• स्मोकिंग और शराब का सेवन कम करें।
• वजन नियंत्रित करें और नियमित व्यायाम करें।
यदि समस्या अधिक हो तो विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी है ताकि सही इलाज प्राप्त किया जा सके।
Author: Suryodaya Samachar
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