FLN Training :- (रिपोर्टर रामेश्वर सोनी) भारत सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति 2020 के तहत प्रारंभ किए गए निपुण भारत मिशन (नेशनल इनिशिएटिव फॉर प्रोफिशियंसी इन रीडिंग विद अंडरस्टैंडिंग एंड न्यूमेरसी) का उद्देश्य है। 2026-27 तक सभी बच्चों को बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक ज्ञान (FLN) में निपुण बनाना। इसके लिए प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों को आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान करना नितांत आवश्यक है। इसी क्रम में सोनभद्र जिले के घोरावल ब्लॉक संसाधन केंद्र में शिक्षकों के लिए चार दिवसीय एफ.एल.एन. प्रशिक्षण का आयोजन किया गया, जिसका सातवां बैच हाल ही में सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।
FLN Training : प्रशिक्षण का उद्देश्य
एफ.एल.एन. आधारित यह प्रशिक्षण न केवल शिक्षकों को नयी शिक्षा नीति के उद्देश्यों से अवगत कराता है, बल्कि उन्हें नवीनतम पद्धतियों और संसाधनों का प्रयोग कर कक्षाओं में प्रभावी शिक्षण प्रदान करने के लिए तैयार करता है। इसका मुख्य फोकस बच्चों के प्रारंभिक वर्षों में पढ़ने और गणित के बुनियादी ज्ञान को सुदृढ़ करना है, ताकि वे आगे की शिक्षा के लिए मजबूत नींव तैयार कर सकें।
नयी शिक्षा नीति का उद्देश्य है कि ग्रेड 3 तक के सभी बच्चे पढ़ने-लिखने और बेसिक संख्यात्मक कौशलों में निपुण हों। इसके लिए ज़रूरी है कि प्राथमिक शिक्षकों को उन सभी नवाचारी तरीकों का ज्ञान हो जो उन्हें इस लक्ष्य की प्राप्ति में मदद कर सकें। यह प्रशिक्षण इस दिशा में एक अहम कदम है। प्रशिक्षकों ने शिक्षकों को न केवल नवीन पाठ्यपुस्तकों के विषय में जानकारी दी, बल्कि उन्हें उन गतिविधियों और पद्धतियों से भी अवगत कराया जो बच्चों के लिए शिक्षण को रोचक और प्रभावी बना सकें।
FLN Training : प्रशिक्षण की प्रक्रिया
चार दिवसीय यह प्रशिक्षण सत्र बड़े ही व्यवस्थित तरीके से संचालित किया गया। प्रत्येक सत्र में शिक्षकों को विभिन्न विषयों पर गहन जानकारी दी गई, जिसमें बुनियादी साक्षरता, गणना कौशल, शिक्षण में नवाचारी दृष्टिकोण और कक्षा प्रबंधन के तरीके शामिल थे। इस दौरान शिक्षकों को विभिन्न गतिविधियों और अभ्यासों के माध्यम से अपने कौशल को सुधारने का अवसर मिला। प्रशिक्षण में संवादात्मक पद्धतियों का भी उपयोग किया गया, जहां शिक्षकों को अपनी समस्याओं और अनुभवों को साझा करने का मौका मिला। इससे उन्हें अपने शिक्षण में आने वाली कठिनाइयों के समाधान खोजने में मदद मिली।
सातवें बैच के समापन समारोह में, खण्ड शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार सिंह ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा, “आप सभी यहां से जो भी सीखकर जा रहे हैं, उसे अपनी कक्षाओं में अवश्य उतारें। केवल कक्षा में पढ़ाई करवाना ही आपका लक्ष्य नहीं होना चाहिए, बल्कि बच्चों को निपुण बनाने की ज़िम्मेदारी भी आपकी है। प्रत्येक शिक्षक का कर्तव्य है कि वह अपने विद्यालय को ‘निपुण विद्यालय’ बनाए।”
उन्होंने यह भी जोर दिया कि केवल प्रशिक्षण प्राप्त कर लेना पर्याप्त नहीं है, बल्कि उसे क्रियान्वित करना अधिक महत्वपूर्ण है। इसके लिए शिक्षकों को निरंतर प्रयास करते रहना होगा। अशोक कुमार सिंह ने शिक्षकों को यह आश्वासन दिया कि वे हर परिस्थिति में उनके साथ हैं और अगर किसी भी तरह की सहायता की आवश्यकता होगी, तो वे सदैव उपलब्ध रहेंगे।
FLN Training : सामूहिक सहभागिता और योगदान
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के सफल आयोजन के पीछे ब्लॉक अकादमिक टीम की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही। एआरपी दीनबन्धु त्रिपाठी, धर्मराज सिंह, अखिलेश कुमार सिंह, अविनाश चंद्र शुक्ल और मिथिलेश द्विवेदी जैसे प्रमुख प्रशिक्षक इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का हिस्सा रहे। उन्होंने न केवल शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया, बल्कि उन्हें इस बात के लिए भी प्रेरित किया कि वे बच्चों को केवल पाठ्यपुस्तकों तक सीमित न रखें, बल्कि उन्हें व्यावहारिक ज्ञान भी प्रदान करें।
भारत सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति 2020 के तहत प्रारंभ किए गए निपुण भारत मिशन (नेशनल इनिशिएटिव फॉर प्रोफिशियंसी इन रीडिंग विद अंडरस्टैंडिंग एंड न्यूमेरसी) का उद्देश्य है। 2026-27 तक सभी बच्चों को बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक ज्ञान (FLN) में निपुण बनाना। @sonbhadrapolice @Viral pic.twitter.com/qdzPWFj2jI
— Suryodaya Samachar (@suryodayasamach) October 18, 2024
प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षकों ने शिक्षकों को कई उदाहरणों के माध्यम से यह समझाने का प्रयास किया कि किस तरह से बच्चों में रुचि पैदा की जा सकती है। कक्षा में बच्चों के साथ संवाद बढ़ाने, उन्हें अलग-अलग गतिविधियों में शामिल करने, और उन्हें सीखने के विभिन्न तरीकों से अवगत कराने की भी चर्चा की गई। इसके साथ ही, शिक्षक अपने शिक्षण में नवाचार और आधुनिक तकनीकों का भी समावेश कर सकें, इस पर विशेष बल दिया गया।
FLN Training : भविष्य की दिशा
एफ.एल.एन. प्रशिक्षण के सातवें बैच का सफल समापन न केवल एक औपचारिकता थी, बल्कि यह उस महत्वपूर्ण प्रयास का हिस्सा था, जिसके तहत प्राथमिक शिक्षकों को बेहतर शिक्षक बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है। यह प्रशिक्षण शिक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर था, जहां उन्होंने न केवल नई शिक्षण पद्धतियों को सीखा, बल्कि इस बात की जिम्मेदारी भी ली कि वे अपने विद्यालयों को ‘निपुण विद्यालय’ बनाएंगे।
नयी शिक्षा नीति का उद्देश्य तभी सफल हो सकता है, जब शिक्षक पूरी निष्ठा और उत्साह से बच्चों को निपुण बनाने के इस मिशन में जुटें। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम उन सभी शिक्षकों के लिए एक प्रेरणादायक यात्रा की शुरुआत था, जो आने वाले वर्षों में भारत के शैक्षिक परिदृश्य को नयी ऊंचाइयों तक ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
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Author: Suryodaya Samachar
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