Amul Milk price reduction :- भारत की सबसे बड़ी डेयरी ब्रांड अमूल ने अपने ग्राहकों को बड़ी राहत देते हुए दूध की कीमतों में कटौती की है। अब अमूल गोल्ड, अमूल ताजा और अमूल टी स्पेशल के 1 लीटर पैक पर 1 रुपये की कमी की गई है। नई कीमतें लागू होने के बाद अमूल गोल्ड के एक लीटर पैक की कीमत 66 रुपये से घटकर 65 रुपये हो गई है। इसी तरह, अमूल टी स्पेशल अब 62 रुपये की बजाय 61 रुपये में और अमूल ताजा 54 रुपये के बजाय 53 रुपये में उपलब्ध होगा।
केवल 1 लीटर पैक पर लागू होगी छूट
गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ (जीसीएमएमएफ) के प्रबंध निदेशक जयेन मेहता ने इस फैसले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह कटौती केवल 1 लीटर वाले पाउच पर लागू होगी। इस पहल का उद्देश्य उपभोक्ताओं को राहत देना और दूध की खपत को प्रोत्साहित करना है।
पिछले बदलाव और मौजूदा स्थिति
जून 2024 में अमूल ने दूध की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की थी, जिससे अन्य ब्रांड्स ने भी कीमतें बढ़ाई थीं। लेकिन अब, कीमतों में इस कमी से उपभोक्ताओं को महंगाई के दौर में राहत मिलने की उम्मीद है।
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जयेन मेहता ने बताया, “हमने यह कदम उपभोक्ताओं की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उठाया है। हमारा उद्देश्य ग्राहकों को किफायती दाम पर गुणवत्तापूर्ण उत्पाद उपलब्ध कराना है।”
इस फैसले से अमूल को अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने और दूध की खपत को बढ़ावा देने में मदद मिलने की उम्मीद है।
दुग्ध उत्पादों की मांग बढ़ाने की रणनीति
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कीमतों में कटौती अमूल की एक रणनीतिक पहल है, जिससे न केवल ग्राहकों को राहत मिलेगी, बल्कि कंपनी की बिक्री और बाजार हिस्सेदारी में भी इजाफा होगा। महंगाई के बीच दैनिक उपयोग की वस्तुओं की कीमतों में कमी उपभोक्ताओं को आकर्षित करती है।
अमूल की इस घोषणा के बाद अन्य डेयरी ब्रांड्स, जैसे मदर डेयरी, पर भी दबाव बढ़ सकता है। जून 2024 में अमूल द्वारा कीमतें बढ़ाने के बाद मदर डेयरी ने भी अपने उत्पादों के दाम बढ़ाए थे। ऐसे में, अब अन्य ब्रांड्स भी कीमतों में कटौती करने पर विचार कर सकते हैं।
ग्रामीण और शहरी बाजार पर प्रभाव
यह कदम न केवल शहरी उपभोक्ताओं के लिए राहत लाएगा, बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी दूध की खपत को बढ़ाने में सहायक होगा। विशेषज्ञों का कहना है कि कीमतों में कमी से ग्रामीण क्षेत्रों में अमूल के उत्पादों की पहुंच और लोकप्रियता और बढ़ सकती है।
अमूल का समाज के प्रति योगदान
जयेन मेहता ने कहा कि अमूल हमेशा से उपभोक्ताओं और किसानों दोनों के हितों को संतुलित रखने का प्रयास करता रहा है। उन्होंने बताया, “हमारा फोकस सिर्फ मुनाफे पर नहीं है। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि उपभोक्ता भी संतुष्ट रहें और हमारे डेयरी किसान भी लाभान्वित हों।”
क्या आगे और कटौती संभव है?
जानकारों का कहना है कि दूध की कीमतों में कटौती का यह निर्णय सीजनल दूध उत्पादन पर भी निर्भर करता है। सर्दियों के मौसम में दूध का उत्पादन बढ़ता है, जिससे दाम स्थिर रह सकते हैं। यदि बाजार में उत्पादन और खपत का संतुलन बना रहता है, तो भविष्य में और राहत मिलने की संभावना हो सकती है।
अमूल का यह कदम उपभोक्ताओं के लिए राहत भरा है, खासकर ऐसे समय में जब महंगाई के कारण दैनिक जरूरतों की वस्तुएं महंगी हो रही हैं। कीमतों में इस कटौती से अमूल को ग्राहकों का विश्वास जीतने और बाजार में अपनी मजबूती बढ़ाने में मदद मिलेगी। अब देखना होगा कि अन्य डेयरी ब्रांड्स इस पहल का जवाब कैसे देते हैं।
Author: Suryodaya Samachar
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