लखीमपुर जिला अस्पताल विवाद: लखीमपुर खीरी जिला अस्पताल में भ्रष्टाचार और लूट के आरोपों को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। अस्पताल के फिजिशियन डॉ. सौरभ शुक्ला ने CMS (चीफ मेडिकल सुपरिंटेंडेंट) डॉ. आर.के. कोली पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में डॉ. शुक्ला ने अस्पताल की अव्यवस्थाओं को उजागर करते हुए दावा किया कि बिना पैसे लिए इमरजेंसी और ओटी में भर्ती नहीं किया जाता और यहां तक कि ऑपरेशन के लिए भी मरीजों से पैसे वसूले जाते हैं।
डॉ. सौरभ शुक्ला ने अस्पताल परिसर में सड़क किनारे बैठकर अपना विरोध जताया और कहा कि CMS द्वारा की जा रही लूट को बंद किया जाना चाहिए। यह मामला तूल पकड़ते ही जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में हलचल मच गई।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो से हड़कंप
डॉ. शुक्ला का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लिया। वायरल वीडियो में डॉक्टर शुक्ला CMS पर आरोप लगाते हुए नजर आ रहे हैं, जिसमें उन्होंने कहा कि अस्पताल में पैसे लिए बिना मरीजों का इलाज नहीं किया जाता। इस वीडियो के सामने आने के बाद जिला अस्पताल की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए।
जैसे ही यह वीडियो चर्चा में आया, मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य ने मामले का संज्ञान लेते हुए जांच कमेटी गठित करने की घोषणा की। अब यह कमेटी इस मामले की जांच कर रही है और दोषियों पर उचित कार्रवाई की बात कही जा रही है।
डॉ. सौरभ शुक्ला ने पलटी मारी
हालांकि, जांच कमेटी गठित होने के बाद इस मामले में नया मोड़ आ गया। डॉ. सौरभ शुक्ला ने अपने बयान से पलटी मारते हुए कहा कि उन पर दबाव डालकर वीडियो बनवाया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें गलत तरीके से इस मामले में घसीटा जा रहा है।
डॉ. शुक्ला का यह बदला हुआ बयान अब नए सवाल खड़े कर रहा है। अगर उनका पहला बयान सही था, तो अब पीछे हटने की वजह क्या हो सकती है? क्या प्रशासन का दबाव है या फिर कोई अन्य कारण?
जांच के बाद होगी कार्रवाई
स्वास्थ्य विभाग ने साफ कर दिया है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। जांच कमेटी अस्पताल के कर्मचारियों, डॉक्टरों और मरीजों के बयान दर्ज कर रही है।
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अगर CMS पर लगे आरोप सही पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, अगर डॉ. शुक्ला का दावा गलत साबित होता है, तो उनके खिलाफ भी उचित कदम उठाए जाएंगे।
अस्पतालों में भ्रष्टाचार का बड़ा मुद्दा
लखीमपुर जिला अस्पताल का यह मामला केवल एक अस्पताल तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे स्वास्थ्य तंत्र पर सवाल उठाता है। सरकारी अस्पतालों में भ्रष्टाचार, मरीजों से अवैध वसूली और लापरवाही जैसे मुद्दे आम हो चुके हैं।
इस घटना से यह भी साफ होता है कि सरकारी अस्पतालों में पारदर्शिता और जवाबदेही की सख्त जरूरत है। सरकार को ऐसे मामलों को गंभीरता से लेते हुए कठोर कदम उठाने चाहिए ताकि भविष्य में मरीजों को इस तरह की दिक्कतों का सामना न करना पड़े।
लखीमपुर जिला अस्पताल का यह विवाद कई बड़े सवाल खड़े करता है। CMS पर लगे आरोपों की सच्चाई क्या है, यह जांच के बाद ही साफ होगा। लेकिन यह घटना सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति को उजागर करती है।
स्वास्थ्य विभाग को इस मामले में पूरी निष्पक्षता से जांच करनी होगी, ताकि दोषी को सजा मिले और निर्दोष को न्याय। अगर सरकारी अस्पतालों में पारदर्शिता और ईमानदारी से काम किया जाए, तो मरीजों को बेहतर इलाज मिल सकेगा और इस तरह के विवादों से बचा जा सकेगा।

Author: Suryodaya Samachar
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