Varanasi news :- [रिपोर्टर अजय कुमार गुप्ता] थाना मिर्जामुराद के दरोगा रामचंद्र यादव का एक ऑडियो क्लिप गुरुवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें वह शराब की बोतल मांगने और गिरफ्तारी से संबंधित संदिग्ध बातचीत करते सुनाई दिए। इस घटना ने खाकी वर्दी की साख पर एक बार फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं। वायरल ऑडियो में दरोगा किसी रणजीत यादव नामक व्यक्ति से फायदे और शराब के ठेके के पीछे मिलने की बात कर रहे हैं।
इस मामले ने पुलिस विभाग में हड़कंप मचा दिया है। वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट के मुखिया मोहित अग्रवाल जहां जनता से सुरक्षा और सहयोग के लिए अपील कर रहे हैं, वहीं उनकी टीम के ही कुछ सदस्य पुलिस की छवि को धूमिल करने में लगे हैं।
घटना का विवरण
चक्रपान कोसड़ा गाँव निवासी रणजीत यादव और मिर्जामुराद थाने में तैनात सिपाही वैभव त्रिपाठी के बीच हुई बातचीत का संदिग्ध ऑडियो तेजी से वायरल हो रहा है। साथ ही, इसी गाँव के उमराई नामक व्यक्ति ने पुलिस पर घर से सीसीटीवी डीवीआर और बाइक जब्त करने तथा गाली-गलौज का आरोप लगाया है।
उच्चाधिकारियों ने लिया संज्ञान
एसीपी राजातालाब अजय कुमार श्रीवास्तव ने मामले की गंभीरता को देखते हुए वायरल ऑडियो का संज्ञान लिया है। इस मामले में प्रभारी निरीक्षक मिर्जामुराद सुधीर त्रिपाठी ने जांच रिपोर्ट डीसीपी गोमती जोन को सौंप दी है।
वर्दी पर गिर सकती है कार्रवाई की तलवार
यदि जांच में दरोगा दोषी पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। एसीपी का कहना है कि पुलिसकर्मियों को अनुशासन और ईमानदारी का पालन करना चाहिए, अन्यथा विभाग उनकी अनियमितताओं को बर्दाश्त नहीं करेगा।
यह घटना पुलिस विभाग के लिए एक और चुनौती बन गई है। जहां जनता सुरक्षा की उम्मीद करती है, वहीं ऐसे मामले भरोसे को ठेस पहुंचा रहे हैं। अब देखना यह होगा कि जांच के बाद इस मामले में क्या कार्रवाई होती है और खाकी वर्दी का सम्मान कैसे बहाल होता है।
Author: Suryodaya Samachar
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