Mazhwa by-election :- मिर्जापुर जिले की मझवां विधानसभा में बूथ संख्या 95, 96 और 97 पर पुलिस प्रशासन द्वारा मतदाताओं को जाति और धर्म के आधार पर वोट डालने से रोके जाने का गंभीर आरोप लगा है। यह आरोप कई स्थानीय लोगों और राजनीतिक प्रतिनिधियों ने लगाया है, जिनका कहना है कि प्रशासन की यह कार्रवाई लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित कर रही है।
क्या है मामला?
मतदाताओं का दावा है कि पुलिस और स्थानीय प्रशासन कुछ खास जातियों और समुदायों के लोगों को मतदान केंद्रों पर प्रवेश नहीं करने दे रहा है। इस आरोप ने स्थानीय स्तर पर विवाद खड़ा कर दिया है और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
चुनाव आयोग से हस्तक्षेप की मांग
मामले को लेकर राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने चुनाव आयोग से तुरंत संज्ञान लेने की मांग की है। उनका कहना है कि ऐसी घटनाएं न केवल लोकतंत्र को कमजोर करती हैं, बल्कि समाज में असमानता और विभाजन को भी बढ़ावा देती हैं।
निष्पक्ष चुनाव का महत्व
लोकतंत्र की आधारशिला निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव प्रक्रिया है। यदि किसी भी कारण से मतदाताओं को उनके अधिकार से वंचित किया जाता है, तो यह संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। चुनाव आयोग को इस मामले में तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी नागरिकों को उनके मताधिकार का प्रयोग करने का समान अवसर मिले।
प्रशासन की कार्रवाई
अब तक पुलिस प्रशासन की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, स्थानीय अधिकारियों से जांच और स्थिति स्पष्ट करने की उम्मीद की जा रही है।
Author: Suryodaya Samachar
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