Varanasi news :- [ रिपोर्टर सुजीत सिंह वाराणसी] आज अमरपुर बतलोहिए से रोशनी किन्नर के नेतृत्व में कलश गौरव यात्रा निकाली गई। आज शैलपुत्री माता में किन्नर समाज ने माता रानी का श्रृंगार कर अपने समाज और किन्नर समाज का उत्साह बढ़ाया और रोशनी किन्नर द्वारा यह कहा गया की इस पूजन से हमारे देश को और हमारे समाज के जनमानस तरक्की किया , रोशनी किन्नर द्वारा नवरात्र के नावों दिन जागरण करवाया और आज समापन के दिन नव कन्याओं को भोजन और सप्रेम भेट चढ़ाया गया।
Varanasi news : यह अहम लोग रहे शामिल-
जिसमें सलमा किन्नर, गुड़िया किन्नर, सोनाली किन्नर, आयशा किन्नर, दिव्या किन्नर, खुशी किन्नर, हाशी किन्नर, रीमा किन्नर, और रश्मि तिवारी, विराट तिवारी आदि लोग शामिल रहे।
आज अमरपुर बतलोहिए से किन्नर समाज के नेतृत्व में रोशनी किन्नर के द्वारा निकाली गई कलश गौरव यात्रा का आयोजन विशेष उत्साह और श्रद्धा के साथ हुआ। इस अवसर पर शैलपुत्री माता की पूजा और श्रृंगार किन्नर समाज द्वारा किया गया, जिससे न केवल समाज के प्रति सम्मान बढ़ा, बल्कि किन्नर समाज ने भी अपना उत्साह और भक्ति प्रकट की।
रोशनी किन्नर ने कहा कि इस पूजन से देश और समाज के जनमानस में तरक्की होगी। नवरात्रि के नौ दिनों तक जागरण और पूजा का आयोजन किया गया, जिसका समापन आज नव कन्याओं को भोजन और सप्रेम भेंट देकर हुआ। इस अनूठी पहल से समाज में एकजुटता और समर्पण की भावना को प्रोत्साहित किया गया, जिससे न केवल किन्नर समाज, बल्कि समूचे समाज में एक सकारात्मक संदेश प्रसारित हुआ।
Varanasi news :- सामाजिक समरसता का एक अद्वितीय उदाहरण
रोशनी किन्नर की इस पहल ने सामाजिक समरसता का एक अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। कलश गौरव यात्रा के माध्यम से न केवल किन्नर समाज ने अपनी धार्मिक आस्था को व्यक्त किया, बल्कि समाज के अन्य वर्गों के साथ अपनी एकजुटता भी दर्शाई। शैलपुत्री माता के श्रृंगार और पूजन में किन्नर समाज की सक्रिय भागीदारी ने यह संदेश दिया कि हर व्यक्ति, चाहे वह किसी भी पृष्ठभूमि से हो, धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं में समान रूप से भागीदार हो सकता है।
नवरात्रि के पूरे नौ दिनों तक चलने वाले जागरण ने न केवल धार्मिक वातावरण को और पवित्र बनाया, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों को एक साथ लाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। नव कन्याओं को भोजन कराना और उपहार देना भारतीय परंपरा का हिस्सा है, जो नारी शक्ति और सम्मान का प्रतीक है। रोशनी किन्नर ने इस आयोजन के माध्यम से समाज में महिलाओं और बालिकाओं के महत्व को भी रेखांकित किया।
इस पूरे आयोजन ने यह साबित किया कि किन्नर समाज समाज के विकास और धार्मिक आयोजनों में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है, और समाज में उनके प्रति सम्मान और स्वीकृति की भावना को और मजबूत किया जा सकता है।
Read more news at :- suryodayasamachar.in

Author: Suryodaya Samachar
खबर से पहले आप तक



