Mirzapur news :- लहंगपुर बीआरसी सभागार में सोमवार को बुनियादी भाषा एवं गणित शिक्षक प्रशिक्षण के चौथे बैच का शुभारंभ हुआ। पहले दिन संदर्भ दाताओं ने शिक्षकों को साप्ताहिक और वार्षिक पाठ्यक्रम की जानकारी श्यामपट्ट के माध्यम से दी। इस अवसर पर उपस्थित प्रशिक्षकों ने शिक्षण को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए अपनी-अपनी विधियों पर जोर दिया।
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पहले दिन प्रशिक्षक डा. दिनेश कुमार सिंह ने व्यावहारिक गणित के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गणित को केवल पुस्तकीय सिद्धांतों तक सीमित नहीं रखना चाहिए। इसे वास्तविक जीवन के उदाहरणों से जोड़कर सिखाने से छात्रों को गणितीय अवधारणाओं को समझने में मदद मिलती है और वे इन्हें अपने दैनिक जीवन में भी आसानी से लागू कर सकते हैं।प्रशिक्षक धीरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि अनुशासित शिक्षण से कक्षा का माहौल व्यवस्थित रहता है और छात्रों की सीखने की प्रक्रिया में भी सुधार होता है।
नियमित और सुसंगत दृष्टिकोण छात्रों की सीखने की क्षमता को बेहतर बनाता है।प्रशिक्षक ओंकार नाथ यादव ने सक्रिय शिक्षण विधियों पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षण का उद्देश्य सिर्फ जानकारी देना नहीं बल्कि छात्रों को सीखने की प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल करना होना चाहिए। शिक्षकों को छात्रों को कक्षा के क्रियाकलापों में भाग लेने के लिए प्रेरित करना चाहिए। प्रशिक्षक उमाशंकर सिंह ने कहा कि शिक्षक को पाठ इस तरह तैयार करना चाहिए कि वह छात्रों की आवश्यकताओं और क्षमताओं के अनुसार हो।
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इससे छात्रों की सीखने की प्रक्रिया में सुधार होता है।प्रशिक्षक आलोक कुमार मौर्य ने कहा कि शिक्षकों को अपने शिक्षण में नवीन तकनीकों और उपकरणों का उपयोग करना चाहिए। छात्रों को आधुनिक दृष्टिकोणों से लाभ मिल सके। डिजिटल सामग्री और वीडियो जैसी संसाधन जटिल विषयों को सरल बनाने में मददगार साबित होते हैं।इस अवसर पर राकेश कुमार पांडेय, प्रदीप तिवारी, उमेश चतुर्वेदी, रोमा मौर्य ,ज्ञान कुमार, सुनीता यादव, आरती, मुकेश कुमार आदि शिक्षक प्रशिक्षण में शामिल हुए।
Reporter Tara Tripathi, Mirzapur.
Author: Suryodaya Samachar
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